यह वीडियो उन कारणों पर रोशनी डालता है जो लोगों को इंग्लिश बोलना सीखने से रोकते हैं। वीडियो में बताया गया है कि ज़्यादातर लोग खुद ही अपने सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं—उनकी सोच, लिमिटिंग बिलीफ्स, और unproductive आदतें ही उन्हें पीछे खींचती हैं।

लोग बार-बार कहते हैं “मुझसे इंग्लिश नहीं आएगी”, जिससे उनका subconscious mind इस बात को मान लेता है। यह वीडियो मोटिवेशन देता है कि अगर साधारण लोग बड़ी-बड़ी चीज़ें कर सकते हैं, तो हम इंग्लिश क्यों नहीं सीख सकते। वीडियो में बहानों और नेगेटिव माइंडसेट्स को पहचानने और तोड़ने की बात की गई है—जैसे “आज मूड नहीं है”, “मेरे पास टाइम नहीं है”, “मेरे पास पार्टनर नहीं है” आदि।

साथ ही, यह वीडियो सिखाता है कि सिर्फ वीडियो देखने से कुछ नहीं होगा, जब तक आप खुद प्रैक्टिस नहीं करेंगे। जैसे टाइपिंग या साइकल चलाना, इंग्लिश भी अभ्यास से ही आती है। वीडियो का मुख्य संदेश है: माइंडसेट बदलिए, प्रैक्टिस कीजिए और धीरे-धीरे बोलना आना शुरू हो जाएगा।

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