W – Words:
जितने ज़्यादा ज़रूरी English words आपको पता और याद होंगे, उतनी आसानी से आप बोल पाएंगे। इसलिए सबसे पहले ज़रूरी शब्द याद करें और उनकी बोलने की प्रैक्टिस करें।
P – Pronunciation:
English letters का sound फिक्स नहीं होता। इसलिए सिर्फ पढ़कर नहीं, बल्कि सुनकर सही pronunciation सीखें और दोहराएँ, ताकि गलत उच्चारण की आदत न पड़े।
R – Rules:
English grammar के छोटे-छोटे rules सीखकर उनसे sentence बनाने की practice करें। पूरे grammar में उलझने की ज़रूरत नहीं, एक time पर एक rule सीखें और लागू करें।
P – Practice:
सिर्फ knowledge काफी नहीं है — बोलने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा practice करें, जब तक sentences effortless न हो जाएँ, जैसे साइकिल चलाना।
C – Continuity:
सीखने में daily consistency ज़रूरी है। बिना gap के हर दिन English सुनें, बोलें और सोचें, ताकि improvement लगातार हो।
M – Memorize:
नए words और sentences लिखकर, सुनकर और दोहराकर याद रखें। Regular revision से words लंबे समय तक दिमाग में रहेंगे।
निष्कर्ष:
English बोलना सीखने के लिए — सही words + सही pronunciation + rules + practice + continuity + memorize — इन 6 steps को follow करें और improvement पक्का है।